चारित्र महोदधि आर्यिका 105 श्री विष्णु प्रभा माताजी का चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश

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टोडारायसिंह,कस्बे में बुधवार सुबह चारित्र महोदधि आर्यिका 105श्री विष्णु प्रभा माताजी ससंघ का टोडारायसिंह में चातुर्मास हेतु भव्य मंगल प्रवेश किया गया । कस्बा सहित शहर के सकल जैन धर्मावलंबियों ने खरेडा रोड पर बड़े धूमधाम से जयकारों के बीच अगवानी कर आरती करते हुए कस्बे में मंगल प्रवेश कराया। सम्पूर्ण आभा मंडल जयकारों से गूंजता रहा। तत्पश्चात मंडी के मंदिर मुनि सुब्रत नाथ के दर्शन किए। दर्शन के पश्चात मुख्य बाजार में स्थित भगवान महावीर स्वामी चैतालय मंदिर में अभिषेक कर मुखारविंद से शांतिधारा कर भगवान नेमीनाथ के मोक्ष कल्याणक निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया। यहां से जैन भवन स्थित सहस्त्रफणी भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन किए। जैन भवन में बड़ी संख्या में सकल जैन धर्मावलंबी ने आर्यिका 105 श्री विष्णु प्रभा माताजी ससंघ वंदन किया। जैन भवन से विशाल एवं भव्य जुलूस मंगल प्रवेश यात्रा शुरू की गई। सर्वप्रथम आगे ही आगे ऊंट पर श्री जी को लाया गया पीछे सफेद घोड़े पर जैन पताका लिए हुए मधुर बैंड बाजों के मधुर ध्वनि पर बालिका मंडल,बाल मंडल, महिला मंडल, युवा मंडल सभी अलग-अलग ग्रुप के द्वारा अलग-अलग परिधानों में सज धज कर जैन जय घोष के साथ हजारों की संख्या में जैन धर्मावलंबी चल रहे थे।जो माणक चौक होते हुए कटला चोराहा, आजाद मार्केट, विनायक मार्केट, स्टेट बैंक चोराहा होते हुए जयपुर रोड स्थित पद्म प्रभु जिनालय पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा और युवतियां रंग-बिरंगे परिधान और केसरिया परिधान पहने महिलाएं सिर पर कलश धर मंगल प्रवेश यात्रा में उत्साह और उमंग के साथ चल रही थी। मंगल प्रवेश यात्रा में कस्बे में 101 तोरणद्वार बनाएं तथा पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया। साथ ही जगह-जगह पर पुष्प वर्षा और आरती व पाद प्रक्षालन किया। वहीं बैण्ड बाजा के साथ धार्मिक भजनों की धुन पर युवा झूमते नजर आएं। यात्रा के आगे घोड़ी पर सवार केसरिया पताकाएं लेकर चल रहे थे। पद्म प्रभु जिनालय में चारित्र महोदघि आर्यिका 105 श्री विष्णु प्रभा माता जी ससंघ वंदन किया गया तथा मंगलाचरण के पश्चात आशीर्वचन हुए। तत्पश्चात सकल जैन समाज धर्मावलंबियों का स्नेह भोज हुआ। इस कार्यक्रम में केकड़ी, मालपुरा, देवली, सांखना, मेंहन्दवास,छाण के धर्मावलंबी उपस्थित रहे। इससे पूर्व अतिशय क्षेत्र मेंहदवास से 29 जून को विहार होकर 2 जुलाई को आध्यात्मिक ऐतिहासिक धर्म नगरी टोडारायसिंह पहुंचें।

Reporter Rakesh Tanwar