*केस कानून, अधिवक्ताओं पर Sc/ST एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज़*

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दैनिक खबर शेखावाटी घनश्याम शर्मा जयपुर- जयपुर के सदर थाना पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें गंभीर अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) एक्ट जैसे प्रावधानों का दुरुपयोग किया गया है। हैरानी की बात यह है कि उक्त एफआईआर ऐसे पक्ष की ओर से दर्ज की गई, जो स्वयं आपराधिक प्रवृत्ति से जुड़ा हुआ है और जेल से पेशी पर आया बताया फिर कैसे थाने पहुंच गया ये बहुत बड़ा प्रश्न वाचक चिन्ह है और इसमें पुलिस की भूमिका पक्षपातपूर्ण दिखाई देती है। पूरे अधिवक्ता समुदाय को गहरी पीड़ा हुई है कि एक जिम्मेदार थाना अधिकारी, जो कानून के संरक्षक माने जाते हैं, उन्होंने बिना निष्पक्ष जांच के, वकीलों के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली कार्रवाई को अंजाम दिया। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि SHO साहब को आखिर किस लालच, दबाव या अनुचित प्रभाव में आकर वकील समुदाय को ही अपराधी की तरह प्रस्तुत करने की जल्दबाज़ी हुई? अधिवक्ताओं ने सदैव कानून, संविधान और न्याय के पक्ष में आवाज़ उठाई है, और जब उनके विरुद्ध इस प्रकार का दमनकारी रवैया अपनाया जाता है तो यह लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था पर सीधा प्रहार है। वकील समुदाय की माँग है कि सदर थाना SHO को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए तथा सम्पूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
पूरे वकील समुदाय की मांग है कि—
• सदर थाना SHO को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए।
• इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो।
• अधिवक्ताओं के विरुद्ध दर्ज की गई झूठी FIR को रद्द किया जाए।
• इस प्रकार की साजिश में संलिप्त व्यक्तियों और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जाए।

वकील केवल कानून के संरक्षक नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की रीढ़ हैं। उन पर इस प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।ध

Tarandeep Singh