दैनिक खबर शेखावाटी न्यूज़ जितेंद्र कुमार – अलवर शहर के काला कुआं स्थित राम मंदिर के पीछे स्थित देव इंटरनेशनल कॉलेज से परीक्षा में गड़बड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परीक्षा देने पहुंचे दर्जनों छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र की गलत लोकेशन के कारण पूरे दिन भटकते रहे, लेकिन उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिला।
गलत लोकेशन दिखाने का आरोप, गूगल मैप हैक करने की आशंका
छात्रों का आरोप है कि उनके एडमिट कार्ड पर दिए गए परीक्षा केंद्र का एड्रेस और गूगल मैप पर दिखाई जा रही लोकेशन में भारी अंतर था। छात्रों ने एडमिट कार्ड में लिखे पते को गूगल मैप पर खोजा, लेकिन मैप उन्हें कहीं और ले गया। बताया जा रहा है कि गूगल मैप की लोकेशन को किसी ने हैक कर गलत स्थान दिखाया, जिससे छात्र-छात्राएं समय पर सही केंद्र तक नहीं पहुंच सके।
प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन की नाकामी उजागर
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन को इस गड़बड़ी की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। एडमिट कार्ड में लिखे एड्रेस के अनुसार छात्र-छात्राएं पहले एक गांव में पहुंचे, जहां कोई कॉलेज मौजूद ही नहीं था। बाद में काफी भटकने के बाद सही कॉलेज मिला, लेकिन तब तक परीक्षा में एंट्री देने से मना कर दिया गया।
छात्रों की मेहनत पर पानी, भविष्य संकट में
परीक्षा देने से वंचित छात्र-छात्राओं का कहना है कि उन्होंने इस परीक्षा के लिए सालों मेहनत की है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और डिजिटल धोखाधड़ी के कारण उनकी मेहनत बेकार चली गई। परीक्षा में शामिल न हो पाने की वजह से छात्रों को 750 रुपए का आर्थिक जुर्माना भी भरना पड़ेगा, जिससे उनका आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है।
न्याय की मांग, प्रशासन को दी आंदोलन की चेतावनी
छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जिन छात्रों की परीक्षा छूटी है, उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए। साथ ही दोषी कॉलेज प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो आने वाले दिनों में वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
आत्महत्या जैसे विचार आने लगे
छात्रों का कहना है कि इतनी मेहनत के बाद परीक्षा से वंचित रहना उनके भविष्य के साथ अन्याय है। कुछ छात्र-छात्राओं ने यह तक कहा कि उनके मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे हैं। अगर ऐसी कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए पूरी तरह से प्रशासन और राजस्थान सरकार जिम्मेदार होगी।
मीडिया के जरिए न्याय की गुहार
छात्र-छात्राओं ने मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन से न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि परीक्षा में बैठने का अवसर सभी को मिलना चाहिए और तकनीकी खामी या प्रशासनिक लापरवाही की सजा छात्रों को नहीं मिलनी चाहिए।
निष्कर्ष
यह मामला राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। समय रहते इस पर उचित कदम नहीं उठाए गए तो छात्रों का गुस्सा सड़कों पर देखने को मिल सकता है।
